

आईटी उद्योग के विकास में एसटीपीआई की भूमिका खासकर स्टार्ट-अप एसएमई के मामले में जबरदस्त रही है। एसटीपी योजना एक उत्प्रेरक: एसटीपी योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के विकास और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत निर्यातोन्मुखी योजना है, जिसमें संचार-लिंक या भौतिक-मीडिया का उपयोग करके व्ययवसायिक सेवाओं का निर्यात शामिल है। यह योजना अपने आप में अद्वितीय है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र, यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है। एसटीपीआई-गांधीनगर के तहत एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 9,620 करोड़ रु. है ।
ऊष्मायन स्थान - प्लग-एन-प्ले सुविधा
एसटीपीआई गांधीनगर ने स्टार्ट-अप और एसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए गिफ्ट सिटी गांधीनगर में 136 प्लग-एन-प्ले सीटों / वर्कस्टेशन के साथ अत्याधुनिक ऊष्मायन सुविधा बनाई है और 106 प्लग-एन-प्ले मॉडल के साथ एसटीपीआई-सूरत उप-केंद्र में ऊष्मायन सुविधा भी शुरू की है । ये ऊष्मायन सुविधाएं अच्छी तरह से सुसज्जित बुनियादी ढांचे यानी पूरी तरह से वातानुकूलित, निर्बाध बिजली आपूर्ति, बहुत उच्च गति और विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्टिविटी, 24 * 7 सुरक्षा प्रणाली, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, फायर अलार्म सिस्टम आदि के साथ उपलब्ध हैं।
फिनग्लोब सीओई @ एसटीपीआई, गिफ्ट सिटी, गुजरात
फिनटेक-टेक फिन और बैंकिंग डोमेन में स्टार्ट-अप के लिए एसटीपीआई गांधीनगर, गिफ्ट सिटी इन्क्यूबेशन स्पेस में फिनग्लोब सीओई मार्च 2024 के महीने में गुजरात राज्य सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सहयोग से लॉन्च किया गया है। वित्तीय प्रौद्योगिकी परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है, जो डिजिटल प्रौद्योगिकियों द्वारा संचालित है। जबकि यह विकास अंतिम-उपयोगकर्ताओं को सुविधा प्रदान करता है, यह सुरक्षा और स्केलेबिलिटी के संदर्भ में चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है। फिनग्लोब सीओई का लक्ष्य प्रयोज्यता, स्केलेबिलिटी और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए इन चुनौतियों का समाधान करना है। फिनग्लोब सीओई एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करेगा, जिसमें उपयोग के लिए तैयार कार्यालय स्थान, तकनीकी सलाह, समर्थन, सैंडबॉक्स वातावरण तक पहुंच, एपीआई, वित्तीय संसाधन (एंजेल फंड, सीड फंड, वीसी, आदि) और नेटवर्किंग और मार्केटिंग समर्थन शामिल है।
अगरतला
2017 दूसरी मंजिल, लिचू बागान मार्केट कॉम्प्लेक्स, लिचुबागान, अगरतला, त्रिपुरा
shibendu.debbarma@stpi.in
9436120846
आइजोल
2014 दूसरी मंजिल, चौ. चुंगा बस टर्मिनल बिल्डिंग, थुआम्पू, आइजोल-796017, मिजोरम
chandravarma.kv@stpi.in
9666990060
इंफाल
2004 एम.एस.टी.आर.सी. कॉम्प्लेक्स, मंत्रीपुखरी, इम्फाल - 795001 मणिपुर
arunkumar.singh@stpi.in
9880830127
कोहिमा
2021 सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार निदेशालय, थिजामा रोड, कोहिमा, नागालैंड- 797001
abhishek.misra@stpi.in
9092086321
गंगटोक
2004 राष्ट्रीय राजमार्ग-31ए, ताडोंग, गंगटोक, सिक्किम 737102
siddaiah.ns@stpi.in
9347500501
शिलांग
2007 शॉर्ट राउंड रोड, ईस्ट खासी हिल्स, लुमजिंगशाई, शिलांग, मेघालय 793001
motilal.sarma@stpi.in
8731860532
उद्देश्य: एग्रीटेक डोमेन में नवाचार, अनुसंधान एवं विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाना और क्षेत्र में किसानों की समस्याओं का समाधान करना ताकि उनकी उत्पादकता और लाभप्रदता में वृद्धि हो सके।

आईटी उद्योग के विकास में एसटीपीआई की भूमिका खासकर स्टार्ट-अप एसएमई के मामले में जबरदस्त रही है । एसटीपी योजना एक उत्प्रेरक : एसटीपी योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के विकास और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत निर्यातोन्मुखी योजना है, जिसमें संचार-लिंक या भौतिक-मीडिया का उपयोग करके व्यावसायिक सेवाओं का निर्यात शामिल है। यह योजना अपने आप में अद्वितीय है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र, यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है। यह योजना 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों (ईपीजेड) की सरकारी अवधारणा और दुनिया में कहीं और संचालित होने वाले विज्ञान पार्कों / प्रौद्योगिकी पार्कों की अवधारणा को एकीकृत करती है। एसटीपीआई-भुवनेश्वर के तहत एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों से कुल निर्यात सन 1992-93 में 0.27 करोड़ रूपये से वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2,589.26 करोड़ रुपये हो गया है।
इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क, भुबनेश्वर
इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क (ईपी)- भुवनेश्वर, ईपी- दिल्ली के बाद स्थापित दूसरा ईएसडीएम सीओई है जिसे दिसंबर 2019 में सॉफ्ट लंच किया गया था। ईपी, भुवनेश्वर में उद्भवन के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 7,000 वर्ग फुट का निर्मित स्थान और ईएसडीएम लैब है । यहां आठ स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया जा रहा है। ईपी- भुवनेश्वर में 23 संरक्षक और 7 भागीदार हैं और इसने 11 प्रशिक्षण / परामर्श कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
VAR सीओई
VAR सीओई , वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी पर आधारित एक सीओई है जिसे IIT भुवनेश्वर में MeitY -ओडिशा सरकार, एसटीपीआई और परोपकारी वित्त पोषण द्वारा स्थापित किया गया। इसमें उद्योगों और अनुसंधान क्षेत्रों की विस्तृत श्रृंखला के लिए बड़े पैमाने पर नवाचार क्षमता है। ये शोध और नवाचार वर्तमान में विविध क्षेत्रों जैसे उत्पाद और कौशल विकास, स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान, कला और वास्तुकला, परिवहन, निर्माण, पर्यटन, मनोरंजन, शिक्षा और उत्पादकता सॉफ्टवेयर । स्टार्टअप्स को नए उत्पादों और समाधानों के साथ आने में मदद करने के लिए वीआर और एआर प्रौद्योगिकियों में सबसे उन्नत प्रयोगशालाओं में से एक की स्थापना की जा रही है। यहां आठ स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया जा रहा है। VAR सीओई के 14 मेंटर और 3 पार्टनर हैं।
फैब लैब
एसटीपीआई ने एमआईटी फैब लैब फाउंडेशन यूएसए के सहयोग और ओडिशा सरकार के समर्थन से से एफएबी लैब की स्थापना की है । फैब-जीरो ट्रेनिंग प्रोग्राम के पूरा होने के बाद, फैब लैब अप्रैल 2019 से चालू है। फीनिक्स रोबोटिक्स, टेकेड्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और सेक रोबोटिक्स जैसे आईटी स्टार्टअप ने अपनी परियोजनाओं के लिए कुछ प्रोटोटाइपों को सफलतापूर्वक डिज़ाइन किया है। कोविड-19 महामारी के दौरान, फैब लैब ने पैरा मेडिकल स्टाफ, सैनिटरी वर्कर्स, क्लीनर, पुलिस और ड्यूटी करने के दौरान विभिन्न लोगो के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों सहित कोविड योद्धाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न पीपीई उपकरणों को डिजाइन और निर्माण करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एसटीपीआई-भुवनेश्वर ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों जैसे भुवनेश्वर नगर निगम, परिवहन विभाग आदि के फील्ड कर्मचारियों की कोविड से सुरक्षा के लिए फैब लैब में डिजाइन और निर्माण किये गए फेस शील्ड भी वितरित किए हैं।
नए एसटीपीआई केंद्रों की स्थापना
एसटीपीआई-भुवनेश्वर नए एसटीपीआई केंद्रों की स्थापना के लिए ओडिशा में विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहा है। 1. एसटीपीआई जैपोर सेंटर: 10,700 वर्ग फुट (जी+1) विकसित करने के लिए भूमि आवंटित की गई है। भवन निर्माण पूर्ण होने की तिथि फरवरी 2022 है। 2. एसटीपीआई जाजपुर केंद्र : 20,000 वर्ग फुट में अत्याधुनिक इनक्यूबेशन सेंटर विकसित करने के लिए 3 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। 3. एसटीपीआई संबलपुर केंद्र: 15,000 वर्ग फुट (जी+1) बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2.65 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। 4. एसटीपीआई अंगुल केंद्र: 20,000 वर्ग फुट (जी+1) निर्माण के लिए 2.95 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।
नई प्रयोगशाला की स्थापना
सेमीकंडक्टर कैरेक्टराइजेशन लैब: एसटीपीआई, समीती द्वारा अनुशंसित संशोधित नियमों और शर्तों और विशिष्टताओं के साथ नई निविदा आमंत्रित करने की प्रक्रिया में है ।
टियर III मानक डाटा सेंटर (डीसी)
एसटीपीआई-भुवनेश्वर 7,500 वर्ग फुट में फैले गोथापटना की इलीट बिल्डिंग में टियर-III अनुपालन डेटा सेंटर के साथ स्थापित है, जिसमें लगभग 3,000 वर्ग फुट सर्वर एरिया के साथ 120 रैक की जगह है । वर्तमान में, 49 रैक हैं जो सर्वर सह-स्थान, क्लाउड सेवाओं और प्रबंधित आईटी सेवाओं, व्यवसाय निरंतरता योजना (बीसीपी) और अन्य अतिरिक्त मजबूत सुविधाओं जैसे एन+1 फॉल्ट टॉलरेंस, 24X7 मॉनिटरिंग और 99.98% अपटाइम के साथ सपोर्ट और पावर आउटेज से 96 घंटे की सुरक्षा , का लाभ उठाकर अपने डिजिटल व्यवसाय को चलाने के लिए इनक्यूबेट्स, स्टार्टअप, एमएसएमई, कॉर्पोरेट घरानों, सरकारी विभागों को मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा प्रदान कर सकते हैं।
अगरतला
2017 दूसरी मंजिल, लिचू बागान मार्केट कॉम्प्लेक्स, लिचुबागान, अगरतला, त्रिपुरा
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इंफाल
2004 एम.एस.टी.आर.सी. कॉम्प्लेक्स, मंत्रीपुखरी, इम्फाल - 795001 मणिपुर
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कोहिमा
2021 सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार निदेशालय, थिजामा रोड, कोहिमा, नागालैंड- 797001
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गंगटोक
2004 राष्ट्रीय राजमार्ग-31ए, ताडोंग, गंगटोक, सिक्किम 737102
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शिलांग
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Date: August 30, 2021
एसटीपीआई द्वारा एसजीपीजीआई लखनऊ में इलेक्ट्रॉनिक्स व आई टी मंत्रालय-भारत सरकार, एसजीपीजीआई लखनऊ, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग – उ.प्र. सरकार, एसोसिएशन ऑफ मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री (एआईएमईडी), आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन (एएमटीजेड) के सहयोग से एक मेडटेक सीओई (उद्यमिता केंद्र) स्थापित किया जा रहा है।
मेडटेक सीओई का प्राथमिक उद्देश्य चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्ट-अप की स्थापना और विकास को प्रोत्साहित करना है, ताकि उनकी सफलता और विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा, सलाह, मार्केटिंग , वित्त पोषण और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान किया जा सके।
एसजीपीजीआई के नए पुस्तकालय भवन में 15,000 वर्ग फुट के निर्मित स्थान के साथ एसजीपीजीआई परिसर में सेंटर ऑफ़ एन्तेर्प्रेंयूर्शिप स्थापित किया जा रहा है । यह केंद्र जैव सांख्यिकी और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान के साथ चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में एसजीपीजीआई की गहन अनुसंधान क्षमताओं का लाभ उठाएगा। चिकित्सा नवाचारों के नैदानिक परीक्षणों तक सहज पहुंच भी होगी। एसटीपीआई मजबूत बुनियादी ढांचा, उद्योग से जुड़ने के साथ-साथ वित्त पोषण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। SGPGI के क्षेत्र विशेषज्ञ इन स्टार्ट-अप्स और इनोवेटर्स के लिए मेंटर के रूप में कार्य करेंगे।
मेडटेक सीओई लखनऊ द्वारा ओसीपी 2.0 के बारे में स्टार्ट-अप्स/उद्योग/शिक्षाविदों/शोधकर्ताओं तक पहुंचने और ओसीपी 2.0 में स्टार्टअप्स/इनोवेटर्स की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन वेबेक्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से ओपन चैलेंज प्रोग्राम 2.0 के शुभारंभ के लिए एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। उत्तर प्रदेश क्षेत्र के साथ-साथ पूरे भारत से स्टार्ट अप इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर सकते हैं ।

आईटी उद्योग के विकास में एसटीपीआई की भूमिका खासकर स्टार्ट-अप एसएमई के मामले में जबरदस्त रही है । एसटीपी योजना एक उत्प्रेरक : एसटीपी योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के विकास और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत निर्यातोन्मुखी योजना है, जिसमें संचार-लिंक या भौतिक-मीडिया का उपयोग करके व्ययवसायिक सेवाओं का निर्यात शामिल है। यह योजना अपने आप में अद्वितीय है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र, यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है। यह योजना 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों (ईपीजेड) की सरकारी अवधारणा और दुनिया में कहीं और संचालित होने वाले विज्ञान पार्कों / प्रौद्योगिकी पार्कों की अवधारणा को एकीकृत करती है। उद्योग को सशक्त बनाने और उन्हें तुरंत अपना संचालन शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए, एसटीपीआई-नोएडा ने सन 1993-94 के दौरान गंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सेक्टर 29, नोएडा में 1,800 वर्ग मीटर क्षेत्र का अधिग्रहण किया और इस केंद्र से से 12 एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयां संचालित हो रही थीं। एसटीपीआई-नोएडा के तहत एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों से कुल निर्यात वित्तीय वर्ष 1992-93 में 23.56 करोड़ रूपये से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 51,005.81 करोड़ रूपये हो गया ।
इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क, दिल्ली
इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क (ईपी)- दिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत भारत में अपनी तरह का पहला इनक्यूबेशन सेंटर है। ईपी पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है और इसे एसटीपीआई द्वारा प्रबंधित किया जाता है। परियोजना में अन्य हितधारकों में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अकादमिक भागीदार और इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में शामिल है। ईपी, ईएसडीएम क्षेत्र में उत्पाद के विकास और आईपी निर्माण पर जोर देता है। एक परियोजना के रूप में, ईपी को 50 स्टार्टअप को सफलतापूर्वक इनक्यूबेट करने के लक्ष्य के साथ 5 साल की अवधि के लिए परिकल्पित किया गया है। परियोजना को शुरुआती 5 साल की अवधि के बाद तीन विस्तार दिए गए और अंतिम विस्तार 8-वें पीआरएसजी द्वारा जून 2022 में दिया गया । ईपी की प्रमुख उपलब्धियां निम्नानुसार हैं: • 7 सीज़न से 44 स्टार्टअप लाभार्थी • 30 कार्यशील प्रोटोटाइप विकसित किए गए • 19 अस्थायी पेटेंट • 36 आईपी दायर किये गए • 36 नए उत्पाद बनाए गए • 450 रोजगार सृजित किये गए • 10 स्टार्टअप ने 25 लाख रूपये या अधिक प्राप्त किये • 11 स्टार्टअप्स ने 25 लाख रुपये से कम का अनुदान और वित्त पोषण प्राप्त किया • स्टार्टअप्स द्वारा 47.8 करोड़ रूपये का राजस्व उत्पन्न हुआ • सभी स्टार्टअप्स का अनुमानित मूल्यांकन 250 करोड़ रूपये है
मेडटेक सीओई
चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान के क्षेत्र में वहन करने योग्य उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण विकसित करते हुए उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके, स्टार्टअप का पोषण करने के लिए, एसटीपीआई ने उद्भवन सुविधा, सलाह और अकादमिक सहायता, प्रयोगशाला पहुंच, वित्त पोषण और विपणन सहायता और आईपी सुविधा के साथ एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करके, एसजीपीजीआई लखनऊ में मेडटेक सीओई (मेडियलक्ट्रोनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में एक सीओई ) की स्थापना की है। इस सीओई को अगस्त 2020 में लॉन्च किया गया था। 22 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ यह सीओई चिकित्सा प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में 50 स्टार्टअप का पोषण करेगा। इस सीओई को एसजीपीजीआई लखनऊ में 18,000 वर्ग फुट प्लग-एंड-प्ले स्पेस आवंटित किया गया है। इसके मुख्य हितधारक एमईआईटीवाई, एसटीपीआई, यूपी सरकार, एसजीपीजीआई और अन्य सहयोगी एएमटीजेड और एआईएमईडी हैं। इसके पहले समूह में 20 स्टार्टअप चुने गए हैं।
नए एसटीपीआई केंद्रों की स्थापना
1. एसटीपीआई धर्मशाला केंद्र: हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार ने एसटीपीआई केंद्र की स्थापना के लिए चेतरू, धर्मशाला में 2 एकड़ भूमि प्रदान की है। एसटीपीआई पहले ही एचएससीएल को पीएमसी के रूप में नियुक्त कर चुका है और निर्माण कार्य इस वर्ष के भीतर शुरू होने की संभावना है। 2. एसटीपीआई पंचकुला केंद्र: हरियाणा राज्य सरकार ने एसटीपीआई केंद्र स्थापित करने के लिए पंचकुला में लगभग 2 एकड़ भूमि प्रदान की है। एसटीपीआई ने पहले ही सीपीडब्ल्यूडी को पीएमसी के रूप में नियुक्त किया है और निर्माण कार्य इस वर्ष के भीतर शुरू होने की संभावना है। 3. एसटीपीआई कानपुर केंद्र: उत्तर प्रदेश के पनकी, कानपुर में एसटीपीआई केंद्र की स्थापना के लिए एसटीपीआई और सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। राज्य सरकार पनकी-कानपुर में केंद्र स्थापित करने के लिए भूमि एसटीपीआई को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में है। 4. एसटीपीआई वाराणसी केंद्र: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एसटीपीआई केंद्र की स्थापना के लिए एसटीपीआई सरकार के साथ समन्वय कर रहा है। वाराणसी में 15,000 वर्ग फुट के एक निर्मित स्थान को अंतिम रूप दिया गया है। एसटीपीआई और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर जल्द ही हस्ताक्षर होने की संभावना है।
नए सीओई की स्थापना
ड्रोन सीओई: एसटीपीआई देहरादून में ड्रोन और रोबोटिक्स में एक सीओई प्रक्रियाधीन है। जीआईए की मांग के लिए 20 करोड़ रूपये के बजटीय परिव्यय के साथ डीपीआर उत्तराखंड सरकार को सौंप दी गई है। इसके मुख्य हितधारक उत्तराखंड सरकार, आईटीडीए, ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया, आईआईटी रुड़की, आइडिया फोर्ज (इंडस्ट्री पार्टनर), इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंडऔर कॉन्फिडेंशियल इलेक्ट्रॉनिक्स पाइवेट लिमिटेड हैं।
आरएचएसडीसी सुविधा
एसटीपीआई-नोएडा, उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए रिडंडेंट हाई स्पीड डेटा कम्युनिकेशन कंट्रोल रूम स्थापित कर रहा है। अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष रिडंडेंट आईएसपी, अत्यधिक कुशल सटीक एयर कंडीशनर, रिडंडेंट यूपीएस, डीजी सेट आदि से लैस होगा। आरएचएसडीसी में लगभग 20 रैक स्थापित किए जाएंगे ताकि उद्योग की विभिन्न डेटाकॉम और मूल्यवर्धन सेवाओं को संबोधित किया जा सके। आरएचएसडीसी परियोजना पूरी होने के करीब है और उद्योग के लिए जल्द ही सेवाएं शुरू की जाएंगी।
अगरतला
2017 दूसरी मंजिल, लिचू बागान मार्केट कॉम्प्लेक्स, लिचुबागान, अगरतला, त्रिपुरा
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आइजोल
2014 दूसरी मंजिल, चौ. चुंगा बस टर्मिनल बिल्डिंग, थुआम्पू, आइजोल-796017, मिजोरम
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इंफाल
2004 एम.एस.टी.आर.सी. कॉम्प्लेक्स, मंत्रीपुखरी, इम्फाल - 795001 मणिपुर
arunkumar.singh@stpi.in
9880830127
कोहिमा
2021 सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार निदेशालय, थिजामा रोड, कोहिमा, नागालैंड- 797001
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9092086321
गंगटोक
2004 राष्ट्रीय राजमार्ग-31ए, ताडोंग, गंगटोक, सिक्किम 737102
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शिलांग
2007 शॉर्ट राउंड रोड, ईस्ट खासी हिल्स, लुमजिंगशाई, शिलांग, मेघालय 793001
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8731860532
Date: August 21, 2021
अगर आप भी अपना स्टार्टअप शुरू करने की सोच रहे हैं, लेकिन फंडिंग की समस्या आ रही है तो फिर परेशान होने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार आपको 25 लाख रुपये का फंड देगी, हालांकि इसके लिए एक चैलेंज को पूरा करना होगा. केंद्र सरकार ने ‘चुनौती 2.0’ नाम से नेक्सट जनरेशन स्टार्ट-अप चैलेंज प्रतियोगिता शुरू की है. हालांकि ये स्टार्टअप्स कुछ चुने हुए सेक्टर में ही काम कर रहे होंगे. फंड के अलावा उनको अन्य सुविधाएं भी सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएंगी.
महिलाओं को मिलेगा करियर बनाने का अवसर
नेक्स्ट जेनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (NGIS) चुनौती 2.0 स्टार्टअप चैलेंज के लिए महिला उद्यमियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक आउटरीच वेबिनार का आयोजन किया. इस स्टार्ट अप में महिलाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है.
छोटे शहरों के स्टार्टअप्स को फायदा इस प्रतियोगिता के जरिए छोटे शहरों में मौजूद स्टार्टअप्स को फायदा पहुंचेगा. चुनौती कार्यक्रम के जरिए चुने गए स्टार्टअप को देश भर में फैले सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कों के माध्यम से सरकार की ओर से अलग अलग तरह की मदद दी जाएगी.
इन स्टार्टअप्स को मिलेगी मदद
एडु-टेक, एग्री-टेक और फिन-टेक सॉल्यूशंस, आपूर्ति श्रृंखला, लॉजिस्टिक्स और परिवहन प्रबंधन, बुनियादी ढांचा और दूरस्थ निगरानी, चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल, सॉल्यूशन, रोकथाम तथा मनोचिकित्सकीय देखभाल, नौकरियां और कौशल.
Director, Software Technology Parks of India, Hyderabad, invites Sealed Tender only from the Recycler/Reprocessors of E-waste, registered with Central Pollution Control Board, Ministry of Environment, Forest and Climate Change, Government of India or with the State Pollution Control Board for disposal of obsolete items available at STPI- Tirupati. The tender document is hosted and available on websites hyderabad.stpi.in and https://eprocure.gov.in/epublish
