Date: May 07, 2022
बरेली के होटल रेडिसन में IT पार्क को लेकर STPI कमेटी द्वारा एक इंटरएक्टिव मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमे बरेली में सरकार द्वारा STPI के लिए गए 2 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री के बाद STPI के साइज को लेकर चर्चा की गई। मीटिंग में आए अथितियो ने बरेली में STPI की स्थापना से होने वाले फायदे तथा नौकरी और अपने बिजनेस आइडिया के लिए बाहर जाने वाले स्टूडेंट्स को अपने शहर में होने वाली तरक्की के बारे में बताया।
मीटिंग में बताया गया कि जो स्टूडेंट इंजीनियरिंग करके बरेली से बाहर जाकर नौकरी की तलाश करते हैं अब उन्हें बरेली में ही अच्छी नौकरियां मिलने वाली है, STPI से बरेली के बिजनेस सेक्टर को भी होने वाले फायदे के बारे में बताया गया तथा यह सुनिश्चित किया गया कि बरेली में STPI शुरुआत होने पर उसमें करीब 10 लोग पहले से ही शामिल होंगे।
बैठक में मुख्य अतिथि भारत सरकार संयुक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार, डायरेक्टर जनरल -STPI श्री अरविंद कुमार, डायरेक्टर - STPI डॉ रजनीश अग्रवाल, लघु उधोग भारती के उन्मुक्त सम्भव शील, आईआईए के नेशनल जनरल सेक्रेट्री श्री दिनेश गोयल, क्रेडाई यू पी के प्रेसिडेंट इलेक्ट श्रीर मनदीप सिंह, चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रेसिडेंट श्री राजेश गुप्ता, अध्यक्ष रुहेलखण्ड मैनेजमेंट एसोसिएशन डॉ मनीष शर्मा, रुहेलखंड इन्क्यूबेशन फाउंडेशन की नेशनल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य डॉ विनय खंडेलवाल ,डॉ स्वतन्त्र कुमार एवं डॉ आशीष गुप्ता मौजूद रहे।
Date: May 02, 2022
श्री अरविंद कुमार, डीजी-एसटीपीआई, ने टाईकॉन चंडीगढ़-2022 में आईटी/आईटीईएस कंपनियों को 'एसटीपीआई एक्सीलेंस अवार्ड्स ' प्रदान किये ।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स संलग्न :
12.29.04
AMC for Networking Devices-Juniper SRX 550 Router
Director, Software Technology Parks of India, Hyderabad, invites Sealed Tender only from the Recyclers/Reprocessors of E-waste, registered with Central Pollution Control Board, Ministry of Environment, Forest and Climate Change, Government of India or with the State Pollution Control Board for disposal of obsolete items available at STPI-Hyderabad.
इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क - नई दिल्ली, सीजन 9
इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा वित्त पोषित एक इनक्यूबेशन केंद्र है, जिसे सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक भागीदार के रूप में और इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) कार्यान्वयन भागीदार के रूप में है। यह पहल, जिसका बजट 21.10 करोड़ रुपये है, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) के क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण के लिए मूल्य वर्धन के लिए आईपी निर्माण और उत्पाद विकास पर केंद्रित है।
आवेदन जमा करने की तारीख: 5 अप्रैल 2022
आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि : 30 अप्रैल 2022
Date: April 06, 2022
आज के समय में महिलाएं सिर्फ फूड और फैशन ही नहीं बल्कि आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भी स्टार्टअप शुरू कर रही हैं। फिर चाहे वह देश की बड़ी मेट्रो सिटीज में रहे या किसी राज्य के छोटे से शहर में काम करे। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) के प्रोग्राम चुनौती 2.0 में देशभर से 79 महिला एंटरप्रेन्योर को चुना गया है। इसमें 40 महिलाएं दक्षिण भारत के 5 राज्यों से हैं। बाकी 12 राज्यों से 39 महिलाएं एंटरप्रेन्योर हैं।
अकेले आंध्र प्रदेश से आई 24 महिलाएं
चयनित महिलाओं में सबसे ज्यादा महिला एंटरप्रेन्योर्स दक्षिण भारत से देखी गई हैं। 79 में से 24 महिलाएं अकेले आंध्र प्रदेश से ही चुनी गई हैं। इसमें विजयवाड़ा से 20 और विशाखापट्टनम से 4 महिलाएं सिलेक्ट हुई हैं। ओडिशा के भुवनेश्वर से 9 महिलाओं के स्टार्टअप शामिल किए गए हैं। इस तरह दक्षिण के तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र से चुनी महिला एंटरप्रेन्योर्स को जोड़ा जाए तो इनकी संख्या 40 होती है। यानी साउथ की महिलाएं इनोवेशन के मामले में बाकी देश के बराबर हैं।
उत्तर भारत की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब राज्य से 20 महिलाओं के आइडिया को चुना गया है।
मेडिकल और एग्रीकल्चर में बदलाव लाना है इन महिलाओं की मंजिल
नेक्स्ट जनरेशन एडवांसमेंट से देश के हर सेक्टर में बदलाव लाने के लिए एसटीपीआई ने इस प्रतियोगिता को कई डोमेन में बांटा है। जैसे कि मेडिकल सेक्टर में एडवांसमेंट को मेड टेक, एजुकेशन में बदलाव लाने वाला एडुटेक में शामिल किया जाता है। इसी तरह फाइनेंस के लिए फिनटेक, एग्रीकल्चर के लिए एग्रिटेक, रिटेल टेक, ई-कॉमर्स, ई-गवर्नेंस आदि डोमेन बनाए गए हैं। स्टार्टअप कंपनियां भी इन्हीं डोमेन के अंतर्गत आवेदन करती हैं और उसी के अनुसार समस्या का नया समाधान निकालती हैं।
चुनौती 2.0 प्रोग्राम में महिलाएं सबसे अधिक मेड-टेक यानी मेडिकल समस्याओं से जुड़ी परेशानियों का समाधान निकालते हुए स्टार्टअप शुरू कर रही हैं।
आइए जानते हैं क्या है सरकार की यह पहल, महिलाएं कैसे उठा रहीं इसका लाभ .....
क्या है चुनौती 2.0, स्टार्टअप को कैसे पहुंचाता है फायदा
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के तहत आने वाली संस्था एसटीपीआई की ओर से देशभर में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे स्टार्टअप को बूस्ट करने के लिए खास प्रोग्राम चलाया जा रहा है। नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी स्कीम के तहत देशभर की 79 महिला एंटरप्रेन्योर्स के आइडियाज को सिलेक्ट किया गया। इस प्रतियोगिता का नाम चुनौती 2.0 रखा गया है।
इस प्रोग्राम में महिलाओं के आइडियाज सिलेक्ट होने पर उन्हें दो तरह से सहायता मिलती है। पहले आर्थिक तौर पर एक प्रोजेक्ट के लिए 25 लाख रुपए एसटीपीआई की तरफ से दिए जाते हैं। हर महीने 10 हजार रुपए का स्टाइपेंड भी दिया जाता है। दूसरा फायदा यह होता है कि उनके लिए मेंटर पूल तैयार किया जाता है। जहां देश की बड़ी- बड़ी कंपनियों के हेड उनके प्रोडक्ट को मार्केट के अनुसार तैयार करने के लिए गाइडेंस देते हैं। टेक्निकल सहायता मिलती है। मार्केट से सीधा कनेक्शन मिलता है। प्रोडक्ट या टेक्नोलॉजी को मार्केट में किस तरह लाना है यह कला सिखाई जाती है। स्टार्टअप आइडिया को प्रोडक्ट में बदलने के लिए एसटीपीआई इनोवेटर्स को पांच साल का समय देती है।
कितनी महिला एंटरप्रेन्योर्स के लिए मददगार बना चुनौती 2.0
एसटीपीआई की ओर से साल 2021 अगस्त में चुनौती 2.0 प्रोग्राम शुरू किया गया था। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से कुल 316 महिलाओं ने आवेदन किया था। इनमें से 79 महिलाओं के स्टार्टअप आइडिया को कई तरह के टेस्ट के बाद फाइनल सिलेक्ट किया गया। इस प्रोग्राम को एसटीपीआई ने खास महिलाओं को प्रेरित करने के लिए शुरू किया था।
इन छोटे शहरों में पहुंचकर महिलाओं को सिखाएंगे
एसटीपीआई के नेक्स्ट जनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम ( एनजीआईएस) के तहत चुनौती प्रतियोगिता के साथ ही देश के छोटे शहरों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एसटीपीआई सेंटर चलाए जाते हैं। यह सेंटर अगरतला, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, देहरादून, गुवाहाटी, जयपुर, लखनऊ, प्रयागराज, मोहाली, पटना और विजयवाड़ा में स्थित हैं। इस सेंटरों पर एसटीपीआई के मेंटर्स समय - समय पर नई टेक्नोलॉजी पर सेमिनार, वर्कशॉप आयोजित करते हैं। ताकि जो लोग किसी आइडिया पर काम कर रहे हैं और स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं उन्हें नए कनेक्शन मिल सके और सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल सके।
इसी के साथ इन सेंटर्स पर चुनौती या इसी तरह के प्रोग्राम में सिलेक्ट हुए एंटरप्रेन्योर्स को काम करने के लिए सेफ स्पेस भी दिया जाता है। जिसे वह जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
देशभर की यह बड़ी कंपनियां करती हैं मेंटरशिप
चुनौती 2.0 में चयनित होने के बाद हर महिला एंटरप्रेन्योर को एक मेंटर दिया जाता है। वह उन्हें समय-समय पर गाइड करता है। प्रोडक्ट को इंडस्ट्री और यूजर के मुताबिक कैसे और किस तरह तैयार करना है इसमें भी मदद करते हैं। स्टार्टअप कंपनियों को एक्सपर्ट एडवाइस देते हैं। एसटीपीआई के मेंटर पूल में नैसकॉम फाउंडेशन के चेयरमैन से लेकर विप्रो, इनक्यूब और नेट सॉल्यूशन आदि बड़ी - बड़ी कंपनियों के फाउंडर और सीईओ शामिल हैं। एनजीआईएस सेंटर्स के चीफ मेंटर बनते हैं।
श्री अरविंद कुमार, डीजी- एसटीपीआई, स्टार्टअप इनोवेशन अवार्ड्स 2022 समारोह में भाग लेंगे और एसटीपीआई के 4 स्टार्टअप्स को विभिन्न डोमेन में नवाचार उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्रदान करेंगे।
दिनांक और समय : 25 मार्च 2022, दोपहर 2:30 बजे - शाम 4:00 बजे
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